सीरिया ने रासायनिक हथियारों की मौजूदगी को नकारा, अमेरिका और ब्रिटेन को चेताया
दमिश्क: सीरिया के उप विदेश मंत्री फैजल मेकदाद ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी सरकार के पास रासायनिक हथियार या क्लोरीन गैस है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, विदेश मंत्रालय ने दमिश्क के पूर्वी गोता में विद्रोहियों के खिलाफ लड़ाई में क्लोरीन गैस का इस्तेमाल करने के हालिया आरोपों को शनिवार (10 मार्च) को खारिज करते हुए सरकार के रुख को दोहराया. उन्होंने कहा, “हम क्लोरीन गैस सहित किसी भी रासायनिक हथियार की मौजूदगी से पूरी तरह इनकार करते हैं और हम किसी भी स्थिति में ऐसे हथियारों के इस्तेमाल की निंदा करते हैं. हमें लगता है कि दुनिया के किसी भी देश के पास सीरिया को धमकाने या उसके खिलाफ अपने हथियारों का इस्तेमाल करने के लिए कोई कारण नहीं है.”
मेकदाद ने रासायनिक हथियारों के उपयोग को लेकर अमेरिका और ब्रिटेन जैसी विदेशी शक्तियों द्वारा सीरिया के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने के खिलाफ चेतावनी दी. उन्होंने यह भी कहा कि विद्रोहियों ने सीरियाई सरकार को झूठे आरोपों में फंसाने के लिए रासायनिक हमलों की साजिश रची है. उन्होंने साथ ही कहा कि खुफिया जानकारी मिली है कि विद्रोही पूर्वी गोता में एक नए रासायनिक हमले की योजना बना रहे हैं. मेकदाद के अनुसार, “हम सभी को किसी भी प्रकार की सैन्य कार्रवाई का जोखिम न उठाने की सलाह देते हैं क्योंकि जब हम दुनिया भर में शांति के लिए तत्पर हैं, ऐसे समय में अंतर्राष्ट्रीय परिदृष्य ऐसी आक्रामक स्थिति से निपटने में असमर्थ है.
सीरिया में सेना ने विद्रोहियों के गढ़ वाले शहर का संपर्क काटा, मृतकों की संख्या 1000 पार
वहीं दूसरी ओर सीरियाई सुरक्षा बलों ने पूर्वी घौटा में अपना अभियान तेज करते हुए विद्रोहियों के गढ़ वाले सबसे बड़े शहर का संपर्क काट दिया है. पिछले20 दिनों के अभियान में1000 से ज्यादा नागरिक मारे जा चुके हैं. सरकारी सैनिकों और सहयोगी मिलिशिया ने18 फरवरी को पूर्वी घौटा के लिए अपना सैन्य अभियान शुरू किया और आधे से ज्यादा हिस्से में बढ़त बना ली. हिंसा रोकने का वैश्विक आह्वान भी बेअसर रहा.
‘बांटो और आक्रमण करो’ की रणनीति के तहत हमला करते हुए विद्रोहियों के क्षेत्रों पर कब्जा किया गया. सरकारी बलों ने शनिवार को डूमा के मुख्य शहर घौटा का संपर्क काट डाला. जंग पर नजर रखने वाले संगठन सीरियन ऑब्जरवेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने कहा है कि प्रशासन के लड़ाकों ने पश्चिम की ओर हरास्ता शहर के साथ डूमा की सड़क का संपर्क काट दिया और मिसराबा शहर पर कब्जा कर लिया.