एक सींग वाले गैंडे को बचाने के लिए जागरूकता फैलाने की अनोखी पहल
सोतिया।
बसंत दास ने एक सींग वाले गैंडे की सुरक्षा के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने का अनोखा तरीका अपनाया है। साेतिया के रिकार्डधारी बसंत दास ने ब्रह्मपुत्र में 20 किलो मीटर तैरकर असमिया वाद्ययंत्र बांसुरी, शंख, ढोल, पेंपा आदि बजाते हुए विश्वनाथ घाट तक का सफर करके लोगों को जागरूक करने की अनोखी पहल की है।
तो वहीं दूसरी आेर दास ने चिंता व्यक्त की है कि एशिया के एकमात्र असम के काजीरंगा नेशनल पार्क में ही गैंडे बचे हैं। लेकिन यहां आए दिन शिकरियों द्वारा गैंडों की हत्या कर दी जाती है। जिसके चलते ये लुप्त होने की कगार पर हैं। इसी को देखते हुए दास ने लोगों को जागरूक करने की पहल अपनार्इ।
दास के इस काम में असम जातियतावाद युवा छात्र परिषद के सदस्यों, स्थानीय पुलिस प्रशासन आैर वन विभाग के कर्मी मौजूद थे। तैरते समय दास के साथ कोर्इ अनहोनी न हो इसके लिए प्रशासन के साथ-साथ सभी लाेगों ने अपना योगदान दिया।
विश्वघाट पहुंचने के बाद दास का जिला समिति द्वारा स्वागत किया गया। दास ने भी अपने सहयोगियों को सहयोग करने के लिए दिल से आभार व्यथ्त किया।