कितनी दामिनी और आसिफा को दरिंदगी की आग में झुलसते देखना होगा ?
publiclive.co.in[Edited byः रंजीत]
कितनी दामिनी और आसिफा को दरिंदगी की आग में झुलसते देखना होगा बात करते है बेटियों को पढ़ाने की अरे!जब बेटियां इन हैवानों से बचेंगी तब न पढ़ेंगी। 30 अप्रैल 2018 को न्यूज़ चैनल पर एक ऐसा वीडियो सामने आया जिसे देखकर इंसानियत का सिर शर्म से झुक गया जहानाबाद विहार की एक नाबालिग लड़की को 6/7 लड़को ने चीर हरण किया इससे पहले जनवरी में आसिफा की एक दरिंदगी के साथ हत्या की गई और सब बड़ी घटना 16 दिसम्बर 2012 में घटित निर्भया हत्याकांड पूरे देश को विस्मृत कर दिया। एक वर्ष से लेके साठ वर्ष तक कि महिलाओ के साथ अमानुषिक बलात्कार की घटनाएं घटती है मासूम बच्चियों में भला इन नर पिशाचों को कौन सा आकर्षण दिखता है कोई बता सकता है यह बच्चियां कैसे इन नरपिशाचों को उकसाती है सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश भारत एक ऐसा देश है जब जिसका मन किया रेप कर दिया,कत्ल कर दिया,तेजाब फेंक दिया,लड़की मानी तो बढ़िया नही तो घर से उठा लिया ।*हमारे रिश्ते इतने कमजोर हो गए है कि अपने मित्र व रिश्तेदार की मासूम बच्चियों को भी हवस का शिकार बना डालते है* लोकतंत्र कहलाने वाला देश का सत्तातंत्र इस कदर वेशर्म हो गया कि इन जघन्य घटनाओं को छुटपुट घटनायें बताकर अपना पल्ला झाड़ रहे है एक दूसरे पर राजनीति ,छींटाकसी करके अपने उत्तरदायित्व की इतिश्री कर देते है एक नेता जी यहाँ तक बोल गए कि लड़कों से गलती हो जाती है तो क्या इसके लिए उन्हें फांसी पर चढ़ा दे। घिन्न आती है ऐसे देश ,समाज और कानून से बलात्कारियों को सत्ताधारियो द्वारा जब ऐसा समर्थन मिलेगा तो समाज ऐसे ही बर्बाद होगा। कठुआ कांड में भाजपा विधायक रंजीत जसरोटिया ने आरोपियों के समर्थन में रैली निकाली मंत्री चौधरी लाल सिंह और चंद्र प्रकाश गंगा भी शामिल थे जिसके चलते उन्हें राजनीति विरोध का सामना करना पड़ा जिससे दोनों मंत्रियों को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा मगर उल्टे स्थानीय विधायक रंजीत जसरोटिया को मंत्रिपद दिया गया। जहाँ महिला सशक्तिकरण के लिये दिनरात एक किया जा रहा है क्या बक़ाई में महिला सशक्त हुई है क्राइम ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार -दिनोदिन महिलाओं के प्रति होने वाली अपराध में बढ़ोत्तरी हुई है हर 29वें मिनट में एक महिला की अस्मत को लूटा जा रहा है *हर 77वें मिनट में एक लड़की देहज की आग में झोंकी जा रही हैहर 9वें मिनट में एक महिला पति या रिश्तेदार की क्रूरता का शिकार हो रही है हर 24वें मिनट में किसी न किसी कारण से एक महिला आत्महत्या करने के लिये मजबूर हो रही है यह सब आंकड़े ,घटनायें, शोध और हालात देश में महिलाओ की स्थिति स्वत:बयां कर रही है*अचरच इस बात का है इस मुद्दे को पर यहाँ सरकार और कानून से लेके समाज में कोई गंभीर नज़र नही आ रहा* पुलिस का असहयोग-कहीं कहीं हिंसा की शिकार महिलाओ के प्रति पुलिस का रवैया सहानुभूति नही रहता है बलात्कारियों की हिम्मत बढ़ना – महिलाये खुल कर सामने नही आती खुल कर सामने आने का एक यह भी कारण है बलात्कार होने पर लोग दोष लड़कियों में ढूढ़ने लगते है उसी ने बहकाया होगा लड़की ही गलत है केस निपटने में 4 से 6 साल का समय लगनाविलटी होना में 2006 में मोहंती केस जिसमे एक जर्मन महिला के साथ बलात्कार हुआ अलवर के फ़ास्ट ट्रेक कोर्ट के जज आर के महेशवरी ने इस केस का निपटारा 9 दिनों में किया जिससे स्पष्ट है ऐसे मामलों का निपटारा जल्दी हो सकता है* हमारे देश को कब लज़्ज़ा दायक बीमारी बलात्कार से निजात मिलेगी बलात्कारियो के लिए कड़ा कानून बनना चाहिए 1-लड़के की नाबालिग उम्र सिर्फ 12 साल तक कि होनी चाहिए 2-पोर्न वेबसाइट बंद होनी चाहिए 3-बलात्कारियो को नपुंसक बना देना चाहिए 4 -कॉल गर्ल को लाइसेंस देना चाहिए 5-कामकाजी महिलाओं को रिवाल्वर का लाइसेंस मिलना चाहिए * महिलाओं को भी कड़े कदम उठाना चाहिए *संगठित होकर अपने ऊपर हो रहे अत्याचारों का प्रतिकार करना होगा अगर सरकार और कानून हमारी बेटियों की रक्षा करने में असमर्थ है तो हमें स्त्री पुरुष लिंगानुपात करने दे ताकि हम अपनी बेटियों को कोख में ही खत्म कर दे ।नारी दुर्गा ,लक्ष्मी ,सरस्वती जैसे रूपो से पूजी जाती हैआज जो बर्तमान दशा है वह लज़्ज़ा की बात है बेटियां सिर्फ भगवान के भरोसे सुरक्षित है यही हाल रहा तो देश को इसकी कीमत बहुत भारी चुकानी पड़ सकती है *क्ष.अमिता चौहान (संस्थापिका और संपादिका )नारिशक्ति जागृती