वट सावित्री व्रत: अखंड सौभाग्य के लिए शादीशुदा महिलाएं इस शुभ मुहूर्त में करें पूजा
publiclive.co.in[Edited by रंजीत]
नई दिल्ली: ज्येष्ठ मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या को वट सावित्री व्रत मनाया जाता है. इस बार ये तिथि 15 मई 2018 को है. पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य पाने के लिए शादीशुदा महिलाएं इस व्रत को रखती हैं. संतान की प्राप्ति के लिए भी इस व्रत को रखा जाता है. हिंदू धर्म में इस व्रत का खास महत्व है. वट सावित्री व्रत में ‘वट’ और ‘सावित्री’ का विशेष महत्व है. इस दिन पीपल या बरगद के पेड़ की पूजा की जाती है. मान्यता के अनुसार, वट में ब्रह्मा, विष्णु व महेश तीनों का वास है. इसके नीचे सच्चे मन से पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस बार वट सावित्री व्रत की तिथी 14 मई 2018 को शाम 19:46 से शुरू हो गया था. पूजा के लिए शुभ मुहूर्त 15 मई को शाम 05:17 बजे तक रहेगा. इस समय के बाद पूजा न करें.
ऐसे करें वट सावित्री व्रत में पूजा
-पूजा के लिए सबसे पहले घर की सफाई करने के बाद स्नान करें.
-घर के मंदिर की सफाई करें और भगवान की मूर्तियों को भी स्नान करवाएं.
-मंदिर के साथ पूरे घर में गंगा जल को छिड़के. ये शुद्धिकरण के लिए किया जाता है.
-पूजा के लिए जल, मौली,रोली, कच्चा सूत, भिगोया हुआ चना, फूल और धूप तैयार कर लें.
-वट वृक्ष के नीचे मिट्टी से बनी सावित्री-सत्यवान और भैंसे पर सवार यम की प्रतिमा स्थापित करें.
-प्रतिमा स्थापित करने के बाद पूजा सामग्री से इनकी पूजा करें.
-वट वृक्ष की जड़ में पानी दें.
-पानी से वट वृक्ष के नीचे की मिट्टी को सींचे.
-वट वृक्ष के चारों ओर कच्चा धागा लपेटकर तीन बार परिक्रमा करें.
-इसके बाद सत्यवान सावित्री की कथा सुननी चाहिए.
-भीगे हुए चनों का बायना निकालकर उसपर रुपये रखकर अपनी सास को देना चाहिए और उनका आशीर्वाद लेना चाहिए.