BCCI ने भारत-पाक सीरीज विवाद पर भारत सरकार से नीति साफ करने को कहा
publiclive.co.in[Edited by विजय दुबे]
नई दिल्ली : भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने केंद्र सरकार से पत्र लिख कर कहा है कि वह भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय सीरीज के संबंध में अपनी स्थिति औपचारिक तौर पर स्पष्ट करे. इन दोनों पड़ोसी देशों के बीच राजनीतिक तनाव के कारण 2012 से कोई द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली गई. बीसीसीआई लगातार अपनी स्थिति स्पष्ट करता रहा है कि सरकार की तरफ से मंजूरी मिले बिना वह द्विपक्षीय सीरीज में नहीं खेल सकता है.
पता चला है कि दुनिया का सबसे धनी क्रिकेट बोर्ड आईसीसी विवाद निवारण मंच पर जाने से पहले सरकार से औपचारिक संदेश चाहता है. बीसीसीआई को आईसीसी विवाद निवारण मंच में पीसीबी के सात करोड़ डालर के मुआवजे के दावे के खिलाफ अपना पक्ष रखना है. पीसीबी ने 2014 में दोनों बोर्ड के बीच हुए समझौते का सम्मान नहीं करने के कारण यह दावा ठोका है.
बीसीसीआई ने हाल में मंत्रालय को लिखा, ‘‘अगर आप भारतीय क्रिकेट टीम के पाकिस्तान क्रिकेट टीम के साथ स्वदेश और विदेशी दौरों में खेलने के लिये भारत सरकार से पूर्व में मंजूरी लेने की आवश्यकता को लेकर भारत सरकार की नीति-स्थिति औपचारिक तौर पर स्पष्ट कर सकें तो बीसीसीआई आभारी होगा.’’
इस ईमेल के बारे में पूछने पर बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई से कहा, ‘‘यह बीसीसीआई की तरफ से नियमित पत्र व्यवहार है. द्विपक्षीय सीरीज को लेकर सरकार से अनुमति लेना हमारा कर्तव्य है. हमारा काम पूछना है और यह सरकार पर निर्भर है. हम समझते हैं कि वर्तमान परिस्थितियों में द्विपक्षीय सीरीज बहुत मुश्किल है लेकिन अगर हमें सरकार से उत्तर मिल जाता है तो इससे हमें मदद मिलेगी.’’
पीसीबी ने आईसीसी विवाद निवारण समिति में अपील करके बीसीसीआई पर भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) की प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं करने का आरोप लगाया है. इसके अनुसार भारत को पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त अरब अमीरात जैसे तटस्थ स्थल पर भी दो सीरीज खेलनी जरूरी हैं.
आईसीसी ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद ने पुष्टि की है कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड और भारतीय क्रिकेट बोर्ड के बीच मामले में माइकल बेलोफ क्यूसी विवाद पैनल की अगुवाई करेंगे. पैनल के दो अन्य सदस्य जान पॉलसन और डा. अनाबेल बेनेट एओ, एससी हैं.’’ विश्व क्रिकेट की सर्वोच्च संस्था ने इसके साथ ही स्पष्ट किया है कि विवाद पैनल के फैसले के खिलाफ अपील नहीं की जा सकती है.
उल्लेखनीय है कि इस विवाद पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) भारत के खिलाफ मैच खेलने के मामले में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के विवाद समाधान समिति के फैसले को मानने को तैयार है और चाहता है कि अगर फैसला उसके पक्ष में रहता है तो 2019-2013 के भविष्य दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) में दोनों देशों के द्विपक्षीय मुकाबलों को शामिल किया जाए.
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की यह है स्थिति
पीसीबी प्रमुख नजम सेठी कह चुके हैं कि पाकिस्तान ने एफटीपी पर शर्तों के साथ हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘हमने यह साफ कर दिया है कि अगर आईसीसी विवाद समाधान समिति का फैसला हमारे पक्ष में रहता है तो भारत को नये एफटीपी में हमारे खिलाफ खेलना होगा. यह फैसला अक्तूबर में आएगा.’’
सेठी ने कहा था, ‘‘अगर फैसला हमारे पक्ष में नहीं रहता तो भी हम नए एफटीपी के मुताबिक 123 मैच खेलेंगे इसलिए इस मामले में हमने अच्छा किया.’’ एक महीने पहले ही आईसीसी ने कोलकाता में हुई बैठक में एफटीपी को अंतिम रूप दिया गया था लेकिन मौजूदा कार्यक्रम में भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय मैच नहीं था. आईसीसी ने कहा था कि पाकिस्तान के लगभग सात करोड डालर के मुआवजे की सुनवाई का फैसला अक्तूबर में दुबई में होने वाली चार दिवसीय बैठक में सुनाया जाएगा.