लोकसभा चुनाव 2019: वर्धा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच रही है चुनावी जंग
publiclive.co.in [Edited by Arti singh]
लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) के लिए सभी राजनीतिक दल जोर शोर से मैदान में उतर चुके हैं. 11 अप्रैल को पहले चरण का मतदान होना है. महाराष्ट्र की वर्धा लोकसभा सीट ऐसी है, जहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच रोमांचक जंग होती है. अगर इस सीट पर 1951 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो यहां कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. अब तक यहां 12 बार कांग्रेस जीती है तो बीजेपी यहां 3 बार ही चुनाव जीती है. एक बार यहां से सीपीआई ने चुनाव जीता है. मौजूदा समय इस सीट पर बीजेपी का ही कब्जा है.
महाराष्ट्र की वर्धा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 6 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें धमनगांव रेलवे, मोर्शी, अर्वी, दिओली, हिंगनघाट और वर्धा हैं.
महाराष्ट्र की इस लोकसभा सीट से बीजेपी ने इस बार रामदास तडस पर भरोसा जताकर उन्हें दोबारा चुनावी मैदान में उतारा है. उनका मुकाबला कांग्रेस की ओर से उतारे गए चारुलता टोकस से होगा. बहुजन समाज पार्टी यानी बसपा ने भी वर्धा लोकसभा सीट पर प्रत्याशी उतारा है. बसपा ने यहां से शैलेश कुमार अग्रवाल को टिकट दिया है.
वर्धा लोकसभा सीट से कांग्रेस ने 12 बार चुनाव जीता है. 1951 से लेकर 1991 तक यह सीट कांग्रेस के पास रही. लेकिन 1991 के चुनाव में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) ने यहां अपना खाता खोला. रामचंद्र घंघारे सीपीआई की टिकट पर चुनाव जीते थे. इसके बाद 1996 में बीजेपी ने पहली बार यहां से चुनाव जीता. सीपीआई से बीजेपी ने यह सीट छीनी. इसके बाद 1998 में कांग्रेस ने फिर इस पर कब्जा किया. 2004 में यह सीट बीजेपी के पास गई. 2009 में फिर कांग्रेस और 2014 में वापस बीजेपी का इस सीट पर कब्जा हुआ.