पश्चिम बंगाल में दिखने लगा फोनी का असर, ढहे मकान, जंजीरों से बांधी जा रही ट्रेनें
publiclive.co.in[Edited by DIVYA SACHAN]
बंगाल की खाड़ी से उठा फोनी तूफान शुक्रवार सुबह ओडिशा से टकरा गया. इस दौरान हवा की रफ्तार करीब 200 किमी प्रति घंटा मापी गई. पुरी, गंजाम और भुवनेश्वर में इसके कारण कई पेड़ और बिजली के खंभे गिर पड़े. साथ ही 3 लोगों की जान भी फोनी के कारण चली गई. ओडिशा के बाद यह चक्रवाती तूफान पश्चिम बंगाल का रुख करेगा. लेकिन पश्चिम बंगाल में इसका असर अभी से दिखने लगा है.
पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर में शुक्रवार दोपहर से ही बारिश शुरू हो गई है. आसमान में काले बादल छा गए हैं. बारिश के शुरू होते ही करीब 20 सेकंड के अंदर मिदनापुर के स्टेशन रोड के विधाननगर इलाके में कई पेड़ टूट कर गिर गए. इसके चलते कई दुकानें भी टूट गईं.
मिदनापुर के 14 नंबर वार्ड में तालपुकुर इलाके में तूफान से करीब 15 घर टूट गए और एस्बेस्टस की छावनी भी उड़ गई. इलाके में रहने वाले लोगों की दिक्कतें भी बढ़ गई हैं. फोनी के प्रभाव से चन्द्रकोणा के महाराजपुर में भी अचानक तूफान आ जाने से 3 घरों पर असर दिखाई दिया. यहां दो मंजिला घर टूटकर एक मंजिला में तब्दील हो गया. जिला परिषद में कंट्रोल रूम खोला गया है. मिदनापुर में ही कुल 45 घरों को नुकसान पहुंचा है.
वहीं फोनी तूफान के प्रभाव से बचने के लिए हावड़ा के शालीमार स्टेशन में ट्रेनों को चेन से बांधा जा रहा है ताकि तूफान के दौरान तेज हवाओं की गति से कहीं ट्रेन आगे न खिसक जाएं और कोई दुर्घटना न घट जाए. इसीलिए सुरक्षा के लिहाज से लोहे की चेन से ट्रेन की बोगियों को बांधा जा रहा है. यह इंतजाम दक्षिण पूर्व रेलवे की तरफ से किया जा रहा है.