खाली बर्तन लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे भारी जल संकट झेल रहे लोग, बोले- पानी चाहिए
publiclivenews.in[edited by RITURAJ SAXENA]
भीषण गर्मी में खरगोन जिले में भी पेयजल संकट गहराता जा रहा है. ग्रामीण क्षेत्रो में दूर -दूर से ग्रामीण पानी तलाश कर रहे है. पूरा दिन पेयजल की जुगत में निकल रहा है. वहीं खरगोन शहर में भी तीन-तीन दिन में एक बार नल दिये जाने से स्थिति बिगड़ रही है. दो लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहर में पेयजल संकट से जनता का धैर्य जबाब दे रहा है. महिलाए और पुरुष खाली बर्तन लेकर कलेक्टर कार्यालय, नगरपालिका कार्यालय पहुंच कर पेयजल की मांग कर रहे हैं. वहीं प्रशासन भी पेयजल की समस्या से निपटने के लिए प्रयास में जुटा हुआ है.
जलापूर्ति के दो बड़े बांध जिससे खरगोन की पेयजल पूर्ति होती है. देजला -देवाड़ा बांध और खारक बांध की गाद निकालकर डेड वॉटर को भी खरगोन लाने के प्रयास किये जा रहे हैं. भीषण गर्मी में इन दोनों तालाबों पर सिर्फ डेड वॉटर बचा हुआ है. देजला-देवाड़ा बांध 50.29 मिलियन क्यूबिक मीटर क्षमता रखता है. वर्तमान में इस बांध में सिर्फ 6.6 मिलियन क्यूबिक मीटर डेड वॉटर बचा हुआ है. दूसरा शहर की पेयजल की पूर्ति का माध्यम खारक बांध है. इसकी क्षमता 18.29 मिलियन क्यूबिक मीटर है अभी इसमें 3.38 मिलियन क्यूबिक मित्र डेड वॉटर बचा हुआ है.
दोनों बांधों की स्पेल बन्द हो गई है. दोनों की स्पेल से नीचे पानी होने से नगरपालिका द्वारा एक 15 सदस्यीय टीम देजला -देवाड़ा बांध पर गाद निकालने में लगा दी है. चार जेसीबी मशीन कार्य कर रही है. यह बांध स्पेल क्षेत्र की गाद निकालकर पानी का रुख खरगोन बैराज की ओर कर रहे है. वही खारक बांध पर छह मोटर पम्प से पानी को लिफ्ट करके खरगोंन केनाल में डाला जा रहा है. नगरपालिका CMO निशिकांत शुक्ला कहना है कि दोनों बांधो से अथक प्रयास पानी लाने के किये जा रहे हैं. गर्मी के कारण पेयजल की डिमांड प्रतिदिन बढ़ रही है