छोटी उम्र में बड़े अपराध:किताब उठाने की उम्र में हथियारों से खेल रहे हैं नाबालिग, लूट, हत्या और चोरी जैसे कई मामलों में बढ़ी नाबालिगों की संख्या
बीकानेर

लूट की घटना में शामिल यह युवक विष्णु शर्मा नाबालिग नहीं है लेकिन इसके दो साथी नाबालिग थे। जिन्हें पुलिस मीडिया के सामने पेश नहीं कर पाई।
घटना 1
शहर के मुख्यमार्ग पर गोलीबारी में एक की हत्या। दिनदहाड़े इस हत्याकांड में शामिल तीन अपराधियों में दो ने स्वयं को बाद में नाबालिग बताया। निशाना गलत लगा और एक बच्चे को गोली लगी। जिसकी मौके पर ही मौत हो गई।
घटना 2
गंगाशहर में भाजपा नेता के भतीजे के घर पर फायरिंग के मामले में गिरफ्तार युवकों में भी एक नाबालिग। पूरे घटनाक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका रही लेकिन बाद में नाबालिग के रूप में इसे राहत मिल गई।
घटना 3
पूगल रोड पर एक अगरबत्ती विक्रेता पर फायरिंग करके हत्या का मामला। रुपए से भरा एक बैग छीन लिया गया। घटना के बाद हुई गिरफ्तारी में पता चला कि मुख्य अभियुक्तों में एक नाबालिग है।
बीकानेर शहर में ऐसी एक-दो नहीं बल्कि दर्जनभर घटनाएं हैं। जिसे अंजाम तक पहुंचाने में जिनकी मुख्य भूमिका रही, उनमें नाबालिगों की संख्या अधिक है। मंगलवार को जम्भेश्वर नगर में एक ज्वैलर्स की दुकान पर लूट करने वाले तीन अभियुक्तों में एक नहीं बल्कि दो नाबालिग थे। एक अनुमान के मुताबिक बीकानेर में पिछले एक साल में दर्जनभर नाबालिग अनेक घटनाओं में न सिर्फ लिप्त रहे, बल्कि महत्वपूर्ण भूमिका में रहे। ऐसे अपराधियों पर चाहकर भी पुलिस ज्यादा सख्ती नहीं कर पाती है।
एक नाबालिग बच्ची पर हत्या का आरोप
आश्चर्य की बात है कि बीकानेर में छोटी उम्र में बड़े अपराध करने वाले अधिक है। अधिकांश ने फायरिंग, लूट और हत्या जैसे मामलों में बड़ी भूमिका अदा की है। यहां तक कि एक नाबालिग बच्ची पर हत्या का आरोप भी लगा। महज 10वीं कक्षा में पढ़ने वाली इस बच्ची पर हत्या जैसे संगीन आरोप है।
सोशल मीडिया बना माध्यम
दरअसल, सोशल मीडिया पर अपराधिक प्रवृति के लोग एक-दूसरे के मित्र बन जाते हैं। पुलिस के अब तक के अनुसंधान के अनुसार सोशल मीडिया पर अपराधिक प्रवृति के लोग पिस्टल के साथ अपने फोटो अपलोड करते हैं, 007 गैंग, लौरेंस गैंग जैसे नामों का इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में उनकी प्रवृति के दूसरे लोग फॉलो कर लेते हैं। इनका ग्रुप आगे बढ़ता चला जाता है।
ज्वैलर्स लूट में नाबालिग का दिमाग
मंगलवार को जंम्भेश्वर नगर में ज्वलैर्स की दुकान पर लूट की वारदात को अंजाम देने वालों में वहीं आसपास के रहने वाला एक नाबालिग था। उसी ने अपने सोशल मीडिया फ्रेंड को बताया कि ऐसी एक दुकान है जहां पर लूट की जा सकती है। इसके लिए विष्णु शर्मा नागौर से बीकानेर आया। उसने खुद नाबालिग दोस्तों के साथ रैकी की और बाद में हथियार का इंतजाम करके घटना को अंजाम दिया।
पुलिस दो कदम आगे रही
इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस दो कदम आगे रही। पुलिस काे संदिग्ध का पता चल गया था। ऐसे में उसके सोशल मीडिया एकाउंट्स खंगाले गए। घटना स्थल पर अपराधियों की लंबाई और चौड़ाई का पता लगाने के साथ ही सोशल मीडिया पर संदिग्ध और उसके मित्रों का पता लगाया गया। इसी में नागौर के विष्णु का पता चला। पूरा शिकंजा कसकर रात में ही इन तीनों को पुलिस ने दबोच लिया था। सख्त पूछताछ में तीनों ने लूट कबूल कर ली।
सामाजिक बदलाव का असर
यह सब सामाजिक बदलाव का असर है। पहले हम अपने परिवार में कुछ भी गलत होने पर बच्चों को टोकते थे। मोहल्ले में भी कोई बच्चा गलत काम करता था तो उसे मना करते थे। डांटते थे। अब ऐसा नहीं है। पराये तो क्या अपने बच्चों को भी कुछ नहीं कहते। ऐसे में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए नाबालिग अपराध का रास्ता चुन लेते हैं।
-शैलेंद्र सिंह इंदौरिया, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर, बीकानेर