Wednesday, March 22, 2023
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वीरांगनाओं के मुद्दे पर सदन में हंगामा, राठौड़ ने उठाई मंत्री धारीवाल के इस्तीफे की मांग…

वीरांगनाओं के मुद्दे पर सदन में हंगामा, राठौड़ ने उठाई मंत्री धारीवाल के इस्तीफे की मांग…

कोटा का बहुचर्चित वीरांगनाओं का मुद्दा राजस्थान विधानसभा में उठाया गया। दोनों तरफ से हुए हंगामे के बाद सदन की कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

राजस्थान विधानसभा में आज कोटा के बहुचर्चित वीरांगनाओं के मुद्दे पर राजस्थान सरकार की ओर से जवाब दिया गया। मंत्री शांति धारीवाल की ओर से इस मामले में तीन एफआईआर दर्ज किए जाने के साथ ही राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के वीरांगनाओं के समर्थन में दिए धरने को आतंकी कृत्य करार दिया। 

मंत्री यही नहीं रुके, धारीवाल ने वीरांगना मधुबाला के अपने शादीशुदा देवर के नाते चले जाने की बात भी बड़ी बेशर्मी से कह दी। इसके बाद सदन में जमकर हंगामा हुआ। सदन में हल्ले की बीच नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कोटा की एक शहीद की वीरांगना पत्नी के चरित्र पर दाग लगाने वाले मंत्री शांति धारीवाल को अपना इस्तीफा दे देना चाहिए। यह बड़ी शर्म की बात है कि एक वीरांगना के चरित्र पर कीचड़ उछाला जा रहा है। इसे हम किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं करेंगे। इस हंगामे के बाद सदन की कार्रवाई दस मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। सदन की कार्रवाई दोबारा चालू होने के बाद भी भाजपाइयों का हंगामा जारी रहा।

लॉ एंड ऑर्डर को भंग करने की कोशिश सरकार कभी बर्दाश्त नहीं करेगी

सदन में मंत्री शांति धारीवाल ने अपने चिर परिचित तल्ख अंदाज में अपनी बात रखी और कहा की राजनीति में रुचिकर हर व्यक्ति जानता है कि राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा किस तरह का कार्य करते हैं। इस तरह के कार्य आतंकी से कम नहीं होते। धारीवाल ने कहा की राज्यसभा का सांसद, विधानसभा का सदस्य रहा और मंत्री रहा नेता नियमों को जानते हुए भी नियम विरुद्ध आंदोलन कर रहा है। लॉ एंड ऑर्डर को भंग करने की कोशिश करें तो राजस्थान सरकार इस तरह के कृत्यों किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

वीरांगनाओं को उनका अधिकार दिया गया

धारीवाल ने जवाब पेश करते हुए कहा कि सरकार ने सभी शहीदों की वीरांगनाओं को उनका अधिकार दिया है। वैसे भी वर्तमान सरकार ने पिछली सरकार कि तुलना में शहीदों के सम्मान में दिए जाने वाले पैकेज में कई गुना बढ़ोतरी की जा चुकी है। यहां अजीब तमाशा हो रहा है। वीरांगना का देवर पहले से शादीशुदा है और उसके दो बच्चे हैं। वीरांगना उसके नाते चली गई और अब कहती है की मेरे देवर को नौकरी दे दो। ये क्या कोई खेल हो रहा है? क्या ऐसा भी कभी हुआ है? नियम विरुद्ध जाकर नौकरी किसी को नहीं मिलती। इस मामले में भाजपा अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का काम कर रही है। भाजपा ने ही इन वीरांगनाओ को सिखा कर जयपुर भेजा है और ये ड्रामा करवाया है।

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