Monday, March 27, 2023
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‘सांसद किरोड़ी लाल मीणा आंतकी’, विधानसभा में बोले CM गहलोत के मंत्री धारीवाल, जानें क्यों कहा ऐसा…

‘सांसद किरोड़ी लाल मीणा आंतकी’, विधानसभा में बोले CM गहलोत के मंत्री धारीवाल, जानें क्यों कहा ऐसा…

मंत्री धारीवाल| मंत्री धारीवाल के इस बयान के विरोध की गूंज सदन के बाहर भी सुनाई दे रही है। भाजपा नेता के अलावा कांग्रेस नेता भी धारीवाल के बयान के विरोध में उतर आए हैं। जोधपुर के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने मंत्री धारीवाल के बयान पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- ‘मैं शांति धारीवाल जी के वक्तव्य की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं।

राजस्थान से भाजपा के राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा वीरांगनाओं के मुद्दे को लेकर गहलोत सरकार पर हमलावर है। सांसद के समर्थन के बाद ही वीरांगनाओं के मुद्दे ने जोर पकड़ा, इसके बाद पुलिस की कार्रवाई को लेकर मामले ने तूल पकड़ लिया।     

सांसद मीणा के इस विरोध-प्रदर्शन से नाराज राजस्थान सरकार में संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) ने भाजपा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Kirodi Lal Meena) को आतंकी कह दिया। 

दरअसल, सोमवार को राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही चल रही थी। इस दौरान मंत्री सांसद धारीवाल ने कहा कि राजनीति में रुचि रखने वाला हर व्यक्ति जानता है कि किरोड़ी कैसे कृत्य करते हैं। वे किसी आतंकी से कम नहीं है। धारीवाल के इतना बोलते ही भाजपा नेता हंगामा करने लगे। भाजपा नेताओं ने विधानसभा में शेम-शेम के नारे लगना शुरू कर दिए, इस दौरान धारीवाल ने कहा कि किरोड़ी लाल मीणा सांसद है और वे विधायक भी रहे हैं।

इसके बाद भी वे जानबूझकर नियम के खिलाफ जाकर आंदोलन कर रहे हैं और कानून हाथ में ले रहे हैं। इसके बाद भी भाजपा विधानसभा में हंगामा करती रही। भाजपा नेताओं ने मंत्री धारीवाल से बयान पर माफी मांगने की बात कही, लेकिन उन्होंने माफी नहीं मांगी। 

मंत्री धारीवाल के इस बयान के विरोध की गूंज सदन के बाहर भी सुनाई दे रही है। भाजपा नेता के अलावा कांग्रेस नेता भी धारीवाल के बयान के विरोध में उतर आए हैं। जोधपुर के ओसियां से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा ने मंत्री धारीवाल के बयान पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने ट्वीट कर लिखा- ‘मैं शांति धारीवाल जी के वक्तव्य की कड़े शब्दों में निंदा करती हूं। सार्वजनिक जीवन में हमारे दल, राजनीतिक विचारधारा अलग है, मनभेद और मतभेद दोनों हो सकते है, लेकिन किसी जनप्रतिनिधि को आतंकी के समान उपाधि देना लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के लिए निहायत ही तुच्छ उदाहरण पेश किया है।’  

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