विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया Public Live

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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कनाडा पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया

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नई दिल्ली । विदेश मंत्री एस जयशंकर ने  कनाडा पर खालिस्तानी आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है । विदेश मंत्री ने कहा, आतंकवाद को बढ़ावा देना कनाडा की सियासी कमजोरी है। एक समाचार चैनल के साथ खास इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये बातें कही। उन्होंने  कहा, जब कनाडा के पीएम  जस्टिन ट्रूडो भारत में पीएम नरेंद्र मोदी से मिले, तो उन्होंने खालिस्तानी समर्थकों और अलगाववादियों को लेकर विस्तार से बात नहीं बताई। कनाडा ने भारत पर संगीन आरोप तो लगाए, लेकिन उसके एक भी सबूत नहीं दिए।

कनाडा ने खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार बताया था। इसके बाद से ही दोनों देशों के रिश्तों में तनाव है। आतंकी निज्जर की हत्या 18 जून 2023 को कनाडा में हुई थी। इसके बाद सितंबर में पीएम ट्रूडो ने भारत पर इसका आरोप लगाया था। उनकी सरकार ने भारत के एक सीनियर डिप्लोमैट को देश से निकाल दिया था। इसके बाद से भारत-कनाडा के बीच विवाद बढ़ता चला गया। हालांकि, बाद में ट्रूडो ने खुद कई बार भारत से रिश्ते बनाए रखने की बात कही थी।

भारत ने कनाडा के आरोपों के खिलाफ एक्शन लेते हुए वहां के लोगों के लिए वीजा सेवाएं भी सस्पेंड कर दी थीं। साथ ही भारत से 41 कनाडाई डिप्लोमैट्स को भी हटा दिया गया था। हालांकि, बाद में डिप्लोमैटिक लेवल पर कई बातचीत हुई और कुछ महीनों बाद वीजा सेवाएं वापस से शुरू कर दी गई थीं।

विदेश मंत्री ने कहा, भारत के लोकतंत्र पर सवाल उठाने वाले सच से दूर हैं। हमारे लोकतंत्र पर सवाल उठाने वाले देश पहले अपने गिरेबां में झांक कर देखें। भारत पर सवाल उठाएंगे, तो भारत भी आपको जवाब देगा।

विदेश मंत्री ने कनाडा के साथ ही मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को भी करार जवाब दिया। उन्होंने भारत विरोधी नीति के लिए मुइज्जू को नसीहत देते हुए कहा कि सियासत और जिम्मेदारी के पद पर अलग तरह से बर्ताव जरूरी होता है। विदेश मंत्री ने कहा कि भारत, मालदीव के साथ विवाद का हल निकालने के लिए बात करने को तैयार है।

एस जयशंकर ने  भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के पीछे आतंकवाद को जिम्मेदार ठहराया। विदेश मंत्री ने कहा, पाकिस्तान जितना आतंकवाद को समर्थन देगा, उसका उतना नुकसान होगा। पाकिस्तान से हाई लेवल की बातचीत अभी दूर की कौड़ी है। बातचीत का कोई सवाल ही नहीं उठता। 

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