Saturday, May 27, 2023
No menu items!
Homelatest newsRBI लाने जा रहा है नया 5 वर्षीय बॉन्ड, 6 अप्रैल से...

RBI लाने जा रहा है नया 5 वर्षीय बॉन्ड, 6 अप्रैल से शुरू होगी बिक्री

RBI लाने जा रहा है नया 5 वर्षीय बॉन्ड, 6 अप्रैल से शुरू होगी बिक्री

भारत में ज्यादातर लोग जोखिम रहित योजनाओं में निवेश करना पसंद करते हैं. इसके लिए बाजार में कई विकल्प उपलब्ध हैं. अगर आप एक निवेशक है तो आपके लिए एक सुनहरा मौका आने वाला है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 6 अप्रैल को एक नए पांच वर्षीय सरकारी बॉन्ड की नीलामी करने जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य फंड इकट्ठा करना है। इसलिए, अगर एक सुरक्षित निवेश की योजना बना रहे हैं तो इस बॉन्ड में निवेश एक अच्छा विकल्प हो सकता है।

5 साल के लिए लाए जा रहे हैं Bond

RBI द्वारा जारी बॉन्ड 2028 में मेच्योर होने वाले हैं, जिसके जरिए आरबीआई 8,000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। इसके अलावा, 2033 और 2052 में मेच्योर होने वाले बॉन्ड को भी बाद के समय में लाया जाना है और तीनों बॉन्ड की नीलामी करके आरबीआई कुल 33,000 करोड़ रुपये जुटाने का इरादा रखती है। साथ ही, भारत सरकार के पास प्रत्येक सुरक्षा के लिए 2,000 करोड़ रुपये तक की अतिरिक्त सदस्यता बनाए रखने का भी विकल्प होगा।

इलेक्टोरल बॉन्ड की शुरू हो गई है बिक्री

पांच वर्षीय सरकारी बॉन्ड के अलावा, सरकार ने हाल ही में इलेक्टोरल बॉन्ड की 26वीं खेप जारी करने की मंजूरी भी दे दी है। 3 अप्रैल से इसकी बिक्री शुरू कर दी गई है और राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के रूप में इलेक्टोरल बॉन्ड पेश किया गया। बिक्री के 26वें चरण में 3 से 12 अप्रैल तक 29 अधिकृत शाखाओं के माध्यम से इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने और भुनाने के लिए अधिकृत किया गया है।

आरबीआई ने इस बॉन्ड पर बढ़ाई ब्याज दरें, मिलेगा ज्‍यादा फायदा

भारतीय रिजर्व बैंक ने फ्लोटिंग रेट बॉन्ड 2028 पर ब्याज दर 53 बीपीएस बढ़ाकर 7.88 प्रतिशत प्रति वर्ष कर दिया है. आरबीआई ने 04 अप्रैल, 2023 से 03 अक्टूबर, 2023 के टेन्योर के लिए यह इजाफा किया है. फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड एक निश्चित इनकम ऑप्शन है, जो भारत सरकार द्वारा जारी किया जाता है. यहां निवेशक 7.88 प्रतिशत की ब्याज दर के साथ फ्लोटिंग रेट सेविंग्स बॉन्ड खरीद सकते हैं, जो कि नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट या एनएससी पर दी जा रही ब्याज दर से 18 बेसिस प्वाइंट ज्यादा है. कमाल की बात तो ये है कि इसमें निवेश की कोई अपर लिमिट तय नहीं है. ये बांड नियम और शर्तों के साथ भी आते हैं. इनमें सात साल का लॉक-इन पीरियड होता है और हर छह महीने में ब्याज दर की घोषणा एडवांस के रूप में की जाती है.

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments